Tuesday, February 12, 2013

सच तुम मिलीं ना तो फिर ढूंढ़ लूंगा जिन्दगी !!

किन्हीं रास्तों पे अगर तुम मिलीं ना ! तो सच...... ढूंढ़ लूंगा जिन्दगी इकदम तुम्हारे सपनों जैसी हलकी फुल्की बातों पे गुस्साने वाली और फिर एक टॉफी में मान जाने वाली दिन की थकन अपनी गोद में रखकर छू मंतर कर देने वाली जिन्दगी ... हारते हुए लम्हों में भी सिर्फ होंठों पर हंसी की इक लकीर से विश्व विजेता बना देने वाली जिन्दगी ... हाँ बिलकुल तुम सी तुम्हारे सपनों सी थोड़ी अल्हड थोड़ी मनमौजी जिन्दगी !! सच तुम मिलीं ना तो फिर ढूंढ़ लूंगा जिन्दगी !!

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