Monday, February 4, 2013
वो इन दिनों बहुत याद आता है,,
गीत ..खुशबू ...चित्र कुछ भी आपको आपकी जगह से उड़ाकर ले जाते है ...अतीत की तरफ ..और आप हक्के बक्के रह जाते है अपने दिमाग के storage सिस्टम पर .. :-)
वो इन दिनों बहुत याद आता है,,
डायरी के पन्नों में साँस लेतीं ,,,
पूरी -अधूरी मेरी कविताओं की तरह,,
तो कभी नीम पे अटके जुगनुओं की मानिंद ,,
मेरी उँगलियों की हरकत और
पन्नों के बीच टिमटिमाता हुआ,,
वो इन दिनों बहुत याद आता है,,
वक्त बे वक्त की बारिशों जैसे ,,
खुद में भीगा हुआ,,
चांदनी की टूटी किरचनों से
ख्वाबों के फलक पर ,,
कलाकारियाँ करता हुआ,,
पर ,,,,,,
वो इन दिनों कम ही याद आता है,,
मुझमें कहता हुआ,,
और मुझमें कहीं सुनता हुआ,
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