Monday, February 4, 2013

तुमसे कितनी बार कहा है ,

तुमसे कितनी बार कहा है ,,, कब रोक सकोगी याद मेरी तुम,, मीठी मीठी हर बात मेरी तुम,,, व्यर्थ चाँद को ताने मत दो,, मानो भी कुछ बात मेरी तुम,,, मैं आवारा बादल बन लूँ,, रिमझिम सी बरसात मेरी तुम ,,, ओ सोनजुही की नाजुक लतिका ,, मैंने विरह का आतप अंधड़ तेरे दम ही हर बार सहा है तुमसे कितनी बार कहा है ,

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